पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संपत्ति बिल (Waqf Bill) को लेकर साम्प्रदायिक तनाव भड़क गया है। गुरुवार (15 जून) से जारी हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। जिले के लालबाग, भागीरथी नदी किनारे बसे गांवों और बेरहामपुर शहर में हालात इतने खराब हैं कि प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है और सेना को स्टैंडबाय पर रखा गया है।

क्या है वक्फ बिल विवाद?
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए वक्फ संपत्ति बिल के मुताबिक, देशभर की वक्फ संपत्तियों (मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं की जमीन/इमारतें) का डिजिटलीकरण किया जाएगा और उन्हें केंद्रीय डैशबोर्ड से जोड़ा जाएगा। विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर “सरकारी कब्जे” का रास्ता खोलता है। मुर्शिदाबाद में 60% से ज्यादा आबादी मुस्लिम है, और यहां सैकड़ों वक्फ संपत्तियां हैं। इसीलिए यह बिल यहां विवादों का केंद्र बना हुआ है।
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
- 15 जून: बेरहामपुर के एक मदरसे के पास वक्फ संपत्ति पर कब्जे को लेकर दो गुटों में विवाद हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक गुट ने दावा किया कि जमीन पर उनका हक है, जबकि दूसरे गुट ने इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताया।
- झड़प: विवाद हिंसा में बदल गया। पथराव, आगजनी और गोलीबारी में दो युवकों की मौत हो गई।
- 16 जून: हिंसा फैलकर लालबाग और रामनगर इलाकों तक पहुंची। एक और व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
- TMC: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “वक्फ बिल देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला है। यह बंगाल में शांति भंग करने की साजिश है।”
- BJP: पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया, “TMC साम्प्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है।”
- AIMIM: असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, “वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की धरोहर हैं। हम केंद्र के इस कदम का विरोध करेंगे।”
प्रभावित इलाकों की हालात
- कर्फ्यू: बेरहामपुर और लालबाग में सेक्टर 144 लागू है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं।
- विस्थापन: 200 से ज्यादा परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। कई लोग रेलवे स्टेशनों पर रुके हुए हैं।
- आर्थिक नुकसान: दुकानें, ऑटो और रिक्शा जलाए गए। स्थानीय व्यापारी अबरार शेख कहते हैं, “मेरी दुकान में आग लगा दी गई। मेरी 10 साल की मेहनत बर्बाद हो गई।”
प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोग पुलिस पर “निष्क्रियता” का आरोप लगा रहे हैं। बेरहामपुर के रहने वाले सोहेल मियां कहते हैं, “जब झड़प शुरू हुई, तो पुलिस 2 घंटे बाद पहुंची। तब तक सब कुछ जल चुका था।” हालांकि, जिलाधिकारी नीलिमा अग्रवाल ने दावा किया है, “हमने तुरंत कार्रवाई की और 45 लोगों को गिरफ्तार किया है।”
केंद्र और राज्य सरकार की टकराव की राजनीति
केंद्र सरकार ने वक्फ बिल को लेकर राज्य सरकार से सहयोग मांगा था, लेकिन TMC ने इसे “कानूनी अतिक्रमण” बताकर खारिज कर दिया। राज्य के वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहम्मद अली ने कहा, “हम अपनी संपत्तियों को किसी भी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं हैं।”
आगे की चुनौतियां
- शांति वार्ता: स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठनों ने शांति बैठक का आह्वान किया है।
- राहत शिविर: प्रशासन ने विस्थापितों के लिए 5 राहत शिविर बनाए हैं।
- जांच: NHRC ने घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की है।