भारतीय मूल के डॉ निक्कू मधुसुधन ने k2-k18 जैसे गृह का खोज कर के दुन्या भर में भारत का नाम रौशन किया है, और यह दुसरे ग्रहों पैर खोज के चैत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, उन्हों ने और उनकी टीम ने ऐसा खोज किया जहा पैर एलियन जीवन के संकेत मिले हैं, और यह हमारी धरती सा करीब 120 लाइट दूर है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर मधुसूदन ने इसे पृथ्वी से बाहर जीवन का अब तक का सबसे मजबूत सबूत बताया है। उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तविक रूप से कह सकता हूं कि हम एक से दो साल के भीतर इस संकेत की पुष्टि कर सकते हैं।’ वैज्ञानिकों का मानना है कि के2-18बी ग्रह एक हाइसीन वर्ल्ड हो सकता है। हाइसीन वर्ल्ड से मतलब एक ऐसी दुनिया से है, जहां हाइड्रोजन से समृद्ध वायुमंडल और महासागरों की मौजूदगी हो। एक ऐसा संयोजन, जो जीवन की संभावना के लिए अनुकूल है।

किया है k2-18b?
यह एक ऐसा ग्रह है जो हमारे सौरमंडल का हिस्सा नहीं है, यह एक छोटे तारों के चरों तरफ घूमती है, यह ग्रह धरती से 2.6 गुना बड़ा माना जा रहा है, आवर यह रहने योगये चैत्र माना जा रहा है, यानि वहां पैर पानी होने के संकेत और संभावना हो सकती है।
कौन है Dr Nikku Madhusudhan
डॉ. निक्कू मधुसूदन एक भारतीय-ब्रिटिश खगोल भौतिकीविद् हैं, जो एक्सोप्लेनेट्स, विशेष रूप से उनके वायुमंडल,एक्सोप्लेनेटरी वायुमंडल, अंदरूनी भाग और बायोसिग्नेचर पर अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं। वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के खगोल विज्ञान संस्थान में खगोल भौतिकी और एक्सोप्लेनेटरी विज्ञान के प्रोफेसर हैं। आईआईटी-बीएचयू और एमआईटी से स्नातक, उन्होंने येल, प्रिंसटन और कैम्ब्रिज में शोध भूमिकाएँ निभाई हैं। उनकी टीम का शोध रहने योग्यता की परिभाषा का विस्तार कर रहा है, यह दर्शाता है कि पृथ्वी से अलग ग्रह – जैसे कि हाइसीन दुनिया – भी जीवन का समर्थन कर सकते हैं।